आज मैं इस पोस्ट से आप लोगो को रानी पदमावती की पूरी कहानी बता रहा हूँ
रानी पदमावती के पिता का नाम गन्दर्ब सेन और माता का नाम चम्पावती था , रानी पदमावती बचपन से बहुत खूबसूरत थी । कहा यह भी जाता है की पदमावती को बचपन में तोतो से बहुत ही लगाव था ।रानी पदमावती ने अपना बहुत सारा समय अपने हीरामणि तोते के साथ बिताया था । जब रानी पदमावती बड़ी हो गयी तो उनके विवाह के लिए उनके पिता ने स्वयम्बर रचा और इसमे सभी हिन्दू और राजपूत राजावो को आमंत्रित किया । इस स्वयम्बर में एक राजा रावल रतन सिंह भी आये थे जो पहले से ही शादी सुदा थे
,प्राचीन काल में एक राजा एक से ज्यादा रानी रखता था ताकि उसको अपने बंश को चलाने के लिए सही उत्तराधिकारी मिल सके । राजा रावल रतन सिंह स्वयम्बर में जीत कर रानी पदमिनि को अपने साथ ले गए । राजा रावल रतन सिंह चित्तोड़ के राजा थे और उस समय वह बहुत ही पराक्रमी और कुशल शाशक थे ।
राजा रावल रतन सिंह कला और संगीत के भी बहुत बड़े शोकीन थे , उनके दरबार में एक बहुत ही बड़ा संगीतकार और जादूगर राघव चेतन था ।राघव चेतन अपने जादू का प्रयोग दुश्मनो को मार गिराने में करता था , वह जादूगर है इसके बारे में किसी को पता नहीं था ।